मैं उस को भूल गया हूँ वो मुझ को भूल गया;
तो फिर ये दिल पे क्यों दस्तक सी ना-गहानी हुई!
*ना-गहानी - आकस्मिक, इत्तिफ़ाक़ी, दैविक, गैवी
जवानी क्या हुई इक रात की कहानी हुई;
बदन पुराना हुआ रूह भी पुरानी हुई!
दुनिया-ए-तसव्वुर हम आबाद नहीं करते;
याद आते हो तुम ख़ुद ही हम याद नहीं करते!
वही फिर मुझे याद आने लगे हैं;
जिन्हें भूलने में ज़माने लगे हैं!
दिल पागल है रोज़ नई नादानी करता है;
आग में आग मिलाता है फिर पानी करता है!s
अब तो मिल जाओ हमें तुम कि तुम्हारी ख़ातिर;
इतनी दूर आ गए दुनिया से किनारा करते!
कोई पाबंद-ए-मोहब्बत ही बता सकता है;
एक दीवाने का ज़ंजीर से रिश्ता क्या है!
छोटी सी बात पे ख़ुश होना मुझे आता था;
पर बड़ी बात पे चुप रहना तुम्हीं से सीखा!
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है;
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है!x
गुमशुदगी ही अस्ल में यारो राह-नुमाई करती है;
राह दिखाने वाले पहले बरसों राह भटकते हैं!



