शराबी दोस्त रखता हूँ क्योंकि...
शराबी दोस्त अच्छे होते हैं "गिलास" ज़रूर तोड़ते हैं मगर दिल नहीं।
गुनाह करके सजा से डरते हैं,
ज़हर पी के दवा से डरते हैं,
दुश्मनों के सितम का खौफ नहीं हमें,
हम तो दोस्तों के खफा होने से डरते है।
ऐ दोस्त तुम पे लिखना कहाँ से शुरू करूँ;
अदा से करूँ या हया से करूँ;
तुम्हारी दोस्ती इतनी खूबसूरत है;
पता नहीं कि तारीफ ज़ुबाँ से करूँ या दुआ से करूँ।
दोस्ती कर के देखो, दोस्ती में दोस्त खुदा होता है;
यह एहसास तब होता है जब दोस्त, दोस्त से जुदा होता है।
दोस्ती दर्द नहीं खुशियों की सौगात है;
किसी अपने का ज़िंदगी भर का साथ है;
ये तो दिलों का वो खूबसूरत एहसास है;
जिसके दम से रौशन ये सारी कायनात है।
रिश्तों की है यह दुनिया निराली;
सब रिश्तों से प्यारी है यह दोस्ती तुम्हारी;
मंज़ूर हैं आँसू भी आँखों में तुम्हारी;
ऐ दोस्त अगर आ जाये होंठों पे मुस्कान तुम्हारी।
ना तुम दूर जाना ना हम दूर जायेंगे;
अपने अपने हिस्से की दोस्ती निभायेंगे;
बहुत अच्छा लगेगा ज़िन्दगी का ये सफर;
आप वहाँ से याद करना हम यहाँ से मुस्कुरायेंगे।
सच्चा दोस्त वो है जो फेल होने पे ताली दे... और पास होने पे गाली दे।
एक हसीन पल की ज़रूरत है हमें;
बीते हुए कल की ज़रूरत है हमें;
सारा ज़माना रूठ गया हमसे;
जो कभी न रूठे ऐसे दोस्त की ज़रूरत है हमें।
फूल इसलिए अच्छे, क्योंकि खुश्बू का पैगाम देते हैं;
काँटे इसलिए अच्छे, कि दामन थाम लेते हैं;
दोस्त इसलिए अच्छे, कि वो मुझ पर जान देते हैं;
और दुश्मनों को, कैसे ख़राब कह दूँ;
वो ही तो है, जो हर महफ़िल में मेरा नाम लेते हैं।