यादों की कीमत वो क्या जाने,
जो ख़ुद यादों के मिटा दिया करते हैं,
यादों का मतलब तो उनसे पूछो जो,
सिर्फ यादों के सहारे ही जिया करते हैं।
चले जायेंगे मगर यादें सुहानी छोड़ जायेंगे;
आपके दिल में अपनी निशानी छोड़ जायेंगे;
कभी रोयेंगे तो कभी मुस्कुरायेंगे;
हम इश्क़ की ऐसी कहानी छोड़ जायेंगे।
यादों की भीड़ में आप की परछाई सी लगती है;
कानों में कोई आवाज़ एक शहनाई सी लगती है;
जब आप करीब हैं तो अपना सा लगता है;
वर्ना सीने में सांस भी पराई सी लगती है।
मेरी आँखें तेरे दीदार को तरसती हैं;
मेरी नस-नस तेरे प्यार को तरसती हैं;
तू ही बता दे कि तुझे बताएं कैसे;
कि मेरी रूह तक तेरी याद में तड़पती है।
उन हसीन पलों को याद कर रहे थे;
आसमान से आपकी बात कर रहे थे;
सुकून मिला जब हमें हवाओं ने बताया;
आप भी हमें याद कर रहे थे।
कभी दिल को कभी शमा को जला कर रोये;
तेरी याद को दिल से लगा कर हम रोये;
रात की गोद में जब सो गयी सारी दुनिया;
चाँद को तेरी तस्वीर बना कर हम रोये।
दिल की बात किसी से कही नहीं जाती;
दिल की हालत अब हमसे सही नहीं जाती;
तड़पती तो होगी वो भी हमारी तरह;
वरना यूँ ही किसी की याद हर पल नहीं आती।
कौन कहता है हम आपको याद नहीं करते;
करते तो हैं मगर इज़हार नहीं करते;
सोचते हैं कहीं यादें बिखर न जायें;
इसलिए हर बार दीदार नहीं करते।
दिल की ख्वाहिश को नाम क्या दूँ;
प्यार का उसे पैगाम क्या दूँ;
इस दिल में दर्द नहीं यादें हैं उसकी;
अब यादें ही मुझे दर्द दें तो इल्ज़ाम क्या दूँ।
यादों की भीड़ में आप की परछाई सी लगती है;
कानों में कोई आवाज़ एक शहनाई सी लगती है;
जब आप करीब हैं तो अपना सा लगता है;
वर्ना सीने में सांस भी पराई सी लगती है।