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रिश्ते खून के नहीं, रिश्ते एहसास के होते हैं!
अगर एहसास हो तो अजनबी भी अपने हो जाते हैं और अगर एहसास नहीं तो अपने भी अजनबी हो जाते हैं!

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रिश्तों की दुनिया में फूफा जी और जीजा जी का अविष्कार बारात में तबाही मचाने के लिए हुआ है!

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आओ जिंदगी में थोड़ा अकेलापन आजमाते हैं;
पैसे ख़त्म हो गए रिश्तेदारों में ये खबर फैलाते हैं!

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ठंड तो ऐसे गायब हुई जैसे... . . . . ज़रूरत पड़ने पर रिश्तेदार!

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पहले लोग भावुक हुआ करते थे, रिश्ते निभाते थे!
फिर प्रैक्टिकल हुए, रिश्तों से फायदा उठाते थे!
और अब प्रोफेशनल है, फायदा उठया जाये, ऐसे रिश्ते बनाते हैं!

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तीन रिश्ते तीन वक़्त में ही पहचाने जा सकते हैं!
पत्नी: गरीबी में!
दोस्त: मुसीबत में!
औलाद: बुढ़ापे में!

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रिश्ते कभी जिंदगी के साथ नहीं चलते...
रिश्ते तो एक बार बनते हैं फिर जिंदगी रिश्तो के साथ चलती है!

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रिश्ते चंदन की तरह रखने चाहिए, टुकड़े हजारों भी हो जाएं पर सुगंध ना जाए।

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जीवन में जोखिम बड़े नहीं होते हैं, उनको भरने वाले बड़े होते हैं,
रिश्ते बड़े नहीं होते हैं, लेकिन रिश्तों को निभाने वाले बड़े होते हैं!

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मुट्ठी भर बीज बिखेर दो दिलों की ज़मीन पर;
बारिश का मौसम आ रहा है, शायद अपनापन पनप जाये!