यादों का यह कारवां हमेशा रहेगा;
दूर जाते हुए भी प्यार वही रहेगा;
माफ करना मिल नहीं सके आपसे;
यकीन रखना अँखियों में इंतज़ार वही रहेगा।
हर शाम से तेरा इज़हार किया करते हैं;
हर ख्वाब में तेरा दीदार किया करते हैं;
दीवाने ही तो हैं हम तेरे ओ हम नशीब;
हर वक़्त तेरे मिलने का इंतज़ार किया करते हैं।
इश्क कर देता है बेकरार;
भर देता है पत्थर के दिल में प्यार;
हर एक को नहीं मिलती जिंदगी की ये बहार;
क्योंकि इश्क का दूसरा नाम है इंतजार।
जान से भी ज्यादा उन्हें प्यार किया करते थे;
याद उन्हें दिन-रात किया करते थे;
अब उन राहों से गुजरा नहीं जाता;
जहाँ बैठकर उनका इंतज़ार किया करते थे।
तेरे इंतज़ार में छोड़ा दुनिया का साथ;
तेरे इंतज़ार में छोड़ा अपनों का साथ;
जब तुझे जाना ही था तो क्यों दिया वादों का साथ;
रह गया अब मैं बस अपने ग़मों के साथ।
यादों में तेरी तन्हा बैठे;
हैं तेरे बिना लबों की हंसी;
गवा बैठे हैं तेरी दुनिया में;
अँधेरा न हो इसलिए खुद का दिल जला बैठे हैं।
नज़रों को तेरी मोहब्बत से इंकार नहीं है;
अब मुझे किसी का इंतजार नहीं है;
खामोश अगर हूँ ये अंदाज है मेरा;
मगर तुम ये नहीं समझना कि मुझे प्यार नहीं है।
सब आपकी आँखों से जहाँ देख रहा हूँ;
मैं आपकी नज़रों में जहाँ देख रहा हूँ;
तू ढूढ़ रही होगी मुझको वहां पर;
और मैं यहाँ पर कब से तेरी राह देख रहा हूँ।
बड़ा अरमान था तेरे साथ जीवन बिताने का;
शिकवा है बस तेरे खामोश रह जाने का;
दीवानगी इससे बढ़कर और क्या होगी?
आज भी इंतज़ार है तेरे आने का!
कब उनकी आँखों से इज़हार होगा;
दिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगा;
गुजर रही है रात उनकी याद में;
कभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा।