जिस कॉपी पर सब विषयों को सँभालने की ज़िम्मेदारी होती है वो अक्सर कॉपी बन जाती है! परिवार में ज़िम्मेदार इंसान का भी यही हाल होता है!
सफलता का एक आसान फॉर्मूला है, आप अपना सर्वोत्तम दीजिए और हो सकता है लोगों को वह पसंद आ जाए।
इंसान जितना भी ऑनलाइन होता जा रहा है, इंसानियत उतनी ही ऑफलाइन होती जा रही है!
"लगन" व्यक्ति से वो करवा लेती है, जो वह नहीं कर सकता!
"साहस' व्यक्ति से वो करवाता है, जो वह कर सकता है!
किन्तु "अनुभव" व्यक्ति से वही करवाता है, जो वास्तव में उसे करना चाहिये!
जिसका भी साथ दो, खुल के दो; विरोधी कहलाओगे, गद्दार नहीं!
मेहनत अगर आदत बन जाये तो कामयाबी मुकद्दर बन जाती है!
कर्मों का बही खाता भी दुरस्त रखिये जनाब; एक दिन इसका भी मार्च आएगा; लेकिन फिर अप्रैल नहीं आयेगा!
किसी भी क्लास में नहीं पढ़ाया जाता कि हमें कैसे बोलना चाहिए! लेकिन जैसे हम बोलते हैं वहीँ से पता चल जाता है कि हम किस क्लास के हैं!
सब कुछ महंगा हो गया लेकिन माचिस आज भी एक रूपये पर रुकी हुई है! क्योंकि आग लगाने वाले की कभी कीमत नहीं बढ़ती!
संस्कार इसलिए भी कम हो गए हैं बच्चों में... क्योंकि पहले बुजुर्गों से सीखते थे, अब गूगल से सीखते हैं!