दबदबा, हुकूमत, नशा और दौलत; ये सब किरायेदार हैं, घर बदलते रहते हैं!
बिना किताबों के जो पढाई सीखी जाती है, उसे ज़िन्दगी कहते हैं!
जो सुख में साथ दे वो रिश्ते होते हैं; जो दुःख में साथ दे वो फ़रिश्ते होते हैं!
आजकल के रिश्ते झूठ बोलने से नहीं, बल्कि सच बोलने से टूट जाते हैं।
खुद को बिखरने मत देना कभी किसी हाल में, लोग गिरे हुए मकान की ईंटें तक ले जाते हैं!
कल का दिन किसने देखा है, आज का दिन भी खोये क्यों; जिन घड़ियों में हँस सकते हैं, उन घड़ियों में फिर रोये क्यों!
लक्ष्मी की चोरी हो सकती है लेकिन ज्ञान की नहीं! इसलिए अपने बच्चों को धनवान नहीं शिक्षित बनायें!
कमाई की कोई निश्चित परिभाषा नहीं होती है! अनुभव, रिश्ते, मान सम्मान और अच्छे मित्र सभी कमाई के रूप है! सुप्रभात!
अभी भी समय है एक घंटे का समय खुद के लिए जियें! याद रखें, आप नहीं चलोगे तो दवाईयाँ चलने लगेगी!
'समय' और 'समझ' दोनों एक साथ खुशकिस्मत लोगों को ही मिलते हैं!
क्योंकि अक्सर 'समय' पर 'समझ' नहीं आती और 'समझ' आने पर 'समय' निकल जाता है!