दो पल की ज़िन्दगी के दो नियम,
किसी को प्रेम देना सबसे बड़ा उपहार है और किसी का प्रेम पाना सबसे बड़ा सम्मान है!
ज़िन्दगी को जनवरी सपने दिखाती है और दिसंबर आइना!
इत्र, मित्र, चित्र और चरित्र किसी के पहचान के मोहताज़ नहीं;
ये चारों अपना परिचय स्वंय देते हैं!
यदि आप अपनी गलतियों से कुछ सीखतें हैं, तो गलतियां सीढ़ी हैं!
नहीं सीखते हैं तो गलतियां सागर हैं, निर्णय आपका है - चढ़ना या डूबना!
कीचड़ और लीचड़ दोनों से बचने का प्रयास करें!
एक तन ख़राब करता है और दूसरा मन!
समझदार इंसान ना तो किसी की बुराई सुनता है और ना ही किसी की बुराई करता है!
स्वार्थी इंसान का पता उस से नज़दीकियाँ बढ़ने पर चलता है और निस्वार्थ इंसान का पता उससे दूरियाँ बढ़ने पर चलता है!
अकड़:
इस शब्द में कोई मात्रा नहीं है लेकिन फिर भी अलग-अलग मात्रा में सबके पास है!
वक़्त तो सिर्फ वक़्त पे ही बदलता है!
बस इंसान ही है, जो किसी भी वक़्त बदल जाता है!
शब्दों का खेल है जनाब!
कड़वा बोलने वालों मीठा शहद भी नहीं बिकता और मीठा बोलने वालों की कड़वी नीम भी बिक जाती है!