Funny Hindi SMS

  • पापा पेग बना रहे थे तो मैंने बोल दिया, `ये मैं कर लेता हूँ, तब तक आप Dream11 पर टीम बना लो!`<br/>
फ़िर क्या पापा ने मुझे बॉल बना कर खूब नेट प्रैक्टिस की!Upload to Facebook
    पापा पेग बना रहे थे तो मैंने बोल दिया, "ये मैं कर लेता हूँ, तब तक आप Dream11 पर टीम बना लो!"
    फ़िर क्या पापा ने मुझे बॉल बना कर खूब नेट प्रैक्टिस की!
  • एक महिला विधवा पेंशन का फार्म भरने गयी!<br/>
अधिकारी: कितना समय हो गया है पति को गुज़रे?<br/>
महिला: वो तो अभी घर पे हैं!<br/>
अधिकारी: फिर फार्म क्यों भरने आयी हो?<br/>
महिला: साहब, सरकारी काम में समय तो लगता है न! जब तक ये पेंशन लगेगी तब तक मर जायेगा वो!Upload to Facebook
    एक महिला विधवा पेंशन का फार्म भरने गयी!
    अधिकारी: कितना समय हो गया है पति को गुज़रे?
    महिला: वो तो अभी घर पे हैं!
    अधिकारी: फिर फार्म क्यों भरने आयी हो?
    महिला: साहब, सरकारी काम में समय तो लगता है न! जब तक ये पेंशन लगेगी तब तक मर जायेगा वो!
  • बचपन में जब बुखार आता था तो डॉक्टर की एक ही बात अच्छी लगती थी!<br/>
2 दिन नहाना मत और स्कूल मत जाना!Upload to Facebook
    बचपन में जब बुखार आता था तो डॉक्टर की एक ही बात अच्छी लगती थी!
    2 दिन नहाना मत और स्कूल मत जाना!
  • क्या फायदा 6 फुट के होने का,<br/>
जब चलना तो उसी के इशारे पे है जो 5 फुट की है!Upload to Facebook
    क्या फायदा 6 फुट के होने का,
    जब चलना तो उसी के इशारे पे है जो 5 फुट की है!
  • बचपन सच में बहुत अच्छा था!<br/>
तब सिर्फ़ `शक्ल` ही नहीं, `क़िस्मत` भी बहुत अच्छी थी!Upload to Facebook
    बचपन सच में बहुत अच्छा था!
    तब सिर्फ़ "शक्ल" ही नहीं, "क़िस्मत" भी बहुत अच्छी थी!
  • कल सैलून वाले की दुकान पर एक स्लोगन पढ़ा...<br/>
`हम दिल का बोझ तो नहीं पर सिर का बोझ जरूर हल्का कर सकते हैं!`Upload to Facebook
    कल सैलून वाले की दुकान पर एक स्लोगन पढ़ा...
    "हम दिल का बोझ तो नहीं पर सिर का बोझ जरूर हल्का कर सकते हैं!"
  • प्यार एक पूंजीवादी विचार है,<br/>
लड़कियों के सपनों में राजकुमार आते हैं बेरोज़गार नहीं!Upload to Facebook
    प्यार एक पूंजीवादी विचार है,
    लड़कियों के सपनों में राजकुमार आते हैं बेरोज़गार नहीं!
  • सुबह - सुबह अखबार में पढ़कर धक्का सा लगा।<br/>
`नोबेल फॉर आसाराम बापू!`<br/>
सुनकर पिता जी बोले, `बेटा! दो शब्दों के बीच सुरक्षित अंतर रखो और फिर से पढो!`<br/>
जब ठीक से पढ़ा तो समझ आया कि लिखा था `नो बेल फॉर आसाराम बापू!`<br/><br/>

सच में Social Distancing ज़रूरी है!Upload to Facebook
    सुबह - सुबह अखबार में पढ़कर धक्का सा लगा।
    "नोबेल फॉर आसाराम बापू!"
    सुनकर पिता जी बोले, "बेटा! दो शब्दों के बीच सुरक्षित अंतर रखो और फिर से पढो!"
    जब ठीक से पढ़ा तो समझ आया कि लिखा था "नो बेल फॉर आसाराम बापू!"

    सच में Social Distancing ज़रूरी है!
  • हम उसको भेजते रहे सैनिटाइज़र और,<br/>
वो किसी और के साथ क्वारंटाइन हो गए!Upload to Facebook
    हम उसको भेजते रहे सैनिटाइज़र और,
    वो किसी और के साथ क्वारंटाइन हो गए!
  • इंसान को इतना भी पढ़ा-लिखा नहीं होना चाहिए कि...<br/>
अकेले में छींक आने पर खुद को भी सॉरी बोले!Upload to Facebook
    इंसान को इतना भी पढ़ा-लिखा नहीं होना चाहिए कि...
    अकेले में छींक आने पर खुद को भी सॉरी बोले!
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