चाँदनी जैसे बिखर गई है सारी; रब से है ये दुआ हमारी; जितनी प्यारी है तारों की यारी; आपकी नींद भी हो उतनी ही प्यारी। शुभ रात्रि! |
ये खूबसूरत फ़िज़ाओं में फूलों की खुशबू हो; सुबह की किरण में पंछियों की आवाज़ हो; जब भी खोलो अपनी ये निगाहें; उन निगाहों में सिर्फ खुशियों की झलक हो। सुप्रभात! |
हँसी आपकी कोई चुरा ना पाये; कभी कोई आपको रुला ना पाये; खुशियों के ऐसे दीप जले ज़िंदगी में; कि कोई तूफ़ान भी उसे बुझा ना पाये। सुप्रभात! |
हर सुबह की धूप कुछ याद दिलाती है; हर महकती खुशबू एक जादू जगाती है; ज़िन्दगी कितनी भी व्यस्त क्यों ना हो; निगाहों पर सुबह सुबह अपनों की याद आ ही जाती है। सुप्रभात! |
ऐ सुबह तुम जब भी आना सब के लिए सतगुरु की रेहमत लाना। सुप्रभात! |
प्यारी सी मधुर निंदिया के बाद; रात के कुछ सपनों के साथ; सुबह की कुछ उम्मीदों के साथ; आपको प्यार भरा सुप्रभात। |
जब आ जाते हैं आँसू तो रो जाते हैं; जब आते हैं ख्वाब तो खो जाते हैं; नींद आंखो में आती नहीं; बस आप ख्वाबो में आओगें; यही सोचकर हम सो जाते हैं। शुभ रात्रि! |
ईश्वर वह नहीं देता जो आपको अच्छा लगता है, ईश्वर वह देता है जो आपके लिए अच्छा होता है। सुप्रभात! |
जो जैसा है उसे वैसे ही अपना लो, रिश्ते निभाने आसान हो जायेंगे। सुप्रभात! |
ज़िन्दगी में किसी का साथ काफी है; हाथों में किसी का हाथ काफी है; दूर हो या पास फर्क नहीं पड़ता; प्यार का तो बस अहसास ही काफी है। |