हे प्रभु! दोनों हाथ जोड़ कर आपसे विनती है कि उन्हें खुश रखना जो मुझे याद करते हैं। |
हर दिन अपनी ज़िन्दगी को एक नया ख्वाब दो; चाहे पूरा ना हो पर आवाज़ तो दो; एक पूरे हो जायेंगे सारे ख्वाब तुम्हारे; सिर्फ एक शुरुआत तो दो। सुप्रभात! |
भूल होना 'प्रकृति' है; मान लेना 'संस्कृति' है; सुधार लेना 'प्रगति' है। सुप्रभात! |
मैं लिख दूँ तुम्हारी उम्र चाँद सितारों से; जन्मदिन मनाऊँ मैं फूल बहारों से; हर एक ख़ूबसूरती दुनिया से मैं लेकर आऊं; महफ़िल यह सजाऊँ मैं हर हसीन नज़ारों से। जन्मदिन मुबारक! |
चाँद ने अपनी चांदनी बिखेरी है; और तारों ने आसमान को सजाया है; कहने को शुभ रात्रि आपको; देखो हमारा यह पैगाम आया है। शुभ रात्रि! |
वक़्त और समझ किस्मत वालों को ही मिलता है। क्योंकि वक़्त हो तो समझ नहीं आती और समझ आती है तो वक़्त नहीं होता। सुप्रभात! |
आसमान के तारों में खो गया है जहान सारा; लगता है हमको प्यारा ये एक-एक तारा; इन तारों में सबसे प्यारा है वो सितारा; जो पढ़ रहा है इस वक़्त यह पैगाम हमारा। शुभ रात्रि! |
सुप्रभात
ऐ सुरज मेरे अपनो को यह पैगाम देना; खुशियों का दिन हँसी की शाम देना; जब कोई पढे प्यार से मेरे इस पैगाम को; तो उन को चेहरे पर प्यारी सी मुस्कान देना। सुप्रभात! |
आसमान के तारों में खो गया है जहान सारा; लगता है हमको प्यारा ये एक-एक तारा; इन तारों में सबसे प्यारा है वो सितारा; जो पढ़ रहा है इस वक़्त यह पैगाम हमारा। शुभ रात्रि! |
ज़िन्दगी एक पल है जिसमे ना आज है ना कल है; जी लो इसको इस तरह कि जो भी आपसे मिले वो यही कहे; बस यही मेरी ज़िंदगी का हसीन पल है। सुप्रभात! |