देखा फिर रात आ गयी; शुभ रात्रि कहने की बात याद आ गयी; हम बैठे थे सितारों की पनाह में; चाँद को देखा तो आपकी याद आ गयी। शुभ रात्रि! |
आई है सुबह की नयी किरण रौशनी लेकर; जैसे नए जोश की एक नयी किरण लेकर; विश्वास की है ये लौ सदा दिल में जलाये रखना; रुकना ना कभी मुश्किल को देख कदम सदा बढ़ाते रखना। सुप्रभात! |
जब शाम ढलने के बाद आती है रात; हर साँस में समा जाती है तेरी याद; बदलते हैं करवटें हम सारी रात; सोचते हैं कि आपको भी आती होगी हमारी याद। शुभ रात्रि! |
इस मीठी सी प्यारी नींद के बाद; नींद में देखे उन मीठे सपनो के बाद; आया है यह सवेरा बड़ी दूर से; कहने को आपको प्यार से सुप्रभात। सुप्रभात! |
चाँद को भेजा है पहरेदार; तारों को सौंपा है निगरानी का काम; रात ने जारी किया है ये फुरमान; कि सारे मीठे सपने हों आपके नाम। शुभ रात्रि! |
सूरज आता है नयी उम्मीदों की किरणें लेकर; हर नया दिन आता है नयी कामयाबियां लेकर; आपका हर दिन आये आपके लिए ढेर सारी खुशियाँ लेकर। सुप्रभात! |
चाँद में चाँदनी को याद किया; रात ने सितारों को याद किया; हमारे पास न चाँद है न चाँदनी; इसलिए हमने अपने प्यारे से दोस्त को याद किया। शुभ रात्रि! |
हर पल में प्यार है, हर लम्हे में ख़ुशी है; खो दो यादें हैं जी लो तो ज़िंदगी है। सुप्रभात! |
देखो फिर ये हसीं रात आ गयी; कहनी थी आपसे जो बात वो याद आ गयी; हम बैठे थे इन सितारों की पनाह में; जब चाँद को देखा तो आपकी याद आ गयी। शुभ रात्रि! |
सुबह-सुबह ज़िंदगी की शुरुआत होती है; किसी अपने से बात ख़ास होती है; हँस के प्यार से याद अपनों को करो; तो खुशियाँ अपने आप साथ होती हैं। सुप्रभात! |