मछली जल की रानी है,
अब पेश है नए अंदाज़ में:
पत्नी घर की रानी है,
करती अपनी मनमानी है,
काम बताओ तो चिढ जायेगी,
शॉपिंग कराओ तो खिल जायेगी।
पत्नी: काश मैं एक किताब होती तो कितना अच्छा होता! कम से कम आप मुझे हर समय पढ़ते रहते।
पति: किताब नहीं, बल्कि जंत्री होती, तांकि हर साल मैं तुम्हे बदल तो सकता!
सिर्फ शादी ही वो ज़ख्म है जिसमे चोट से पहले हल्दी लगाई जाती है।
पति और पत्नी आपस में झगड़ा कर रहे थे।
पत्नी (गुस्से में चिल्लाकर): आपने तो जीवन में कभी भी किसी की भलाई नहीं की।
पति: तो तुम जैसी औरत से विवाह किसने किया!
अर्ज है:
ये मर्द बड़े चालाक होते हैं;
ये मर्द बड़े चालाक होते हैं;
खुद की प्रोफाइल फोटो में अकेले,
.
.
.
.
.
और घर वाली की प्रोफाइल फोटो में साथ होते हैं।
मेरे फौलादी हौंसलों और मजबूती पर कभी शक़ ना करना!
मैनें तो उनको भी माफ़ कर दिया जिन्होंने,
.
..
...
....
मेरी शादी करवाई !
वो क्या चीज़ है जो पत्नी अपने पति को सारी उम्र नहीं देती?
?
?
?
?
सोचो सोचो
?
?
?
"चैन की सांस"।
पति अपनी पत्नी से, "किसी लेख़क ने लिखा है कि पति को भी घर के मामलों में बोलने का हक़ होना चाहिए।"
पत्नी: वो बेचारा भी देखो लिख ही पाया, बोल नहीं सका।
शादी से पहले भगवान से दुआ माँगी थी कि अच्छा पकाने वाली बीवी देना... पर मैं खाना बताना भूल गया था।
एक लखपति कुंवारे से उसके मित्र ने कहा, "यार, अब तुम बीवी को घर ले आओ।"
लखपति ने उत्तर दिया, "मैं भी सोच रहा हूँ, लेकिन किसकी बीवी लाऊं?"



