किताब खोलते ही नींद आ जाने वालों को कल रात भर पास होने की ख़ुशी में नींद नहीं आयी!
पहले पता होता कि 2021 में परीक्षा कैंसल हो जायेंगे! तो हम भी मैथ, साइंस ले लेते! आर्ट्स लिए हुए छात्र!
12वीं के छात्र: जब परीक्षा रद्द नहीं हुई थी - सरकार को सोचना चाहिए कितना कोरोना फैला हुआ है! हमारी ज़िन्दगी का सवाल है! परीक्षा रद्द होने के बाद - पूरा लॉकडाउन हमने पढाई की, परीक्षा रद्द ना होती तो 90% से ज़्यादा अंक आ जाते!
जब गांव के लोग स्कूल को "ईस्कूल" बोलतें थे तब सभी हंसते थे!
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लेकिन अब सभी बच्चें "ई-स्कूल" से ही पढ़ रहे हैं!
आजकल बच्चों के 99% नंबर आ रहे हैं और वो नार्मल घूम रहे हैं!
मेरे एक बार 55% आये थे और मैंने लोगों से 15 दिन सीधे मुँह बात नहीं की थी!
बच्चों के रिजल्टस आ गए हैं...
उनको डांटने से पहले... आप अपनी मार्कशीट ज़रूर देख लें!
चीते के चाल, बाज की नज़र और स्टूडेंट की पढाई पर सन्देह नहीं करते!
कभी भी टॉप कर सकते हैं!
सिर्फ मस्तानी बीच में नहीं आनी चाहिए!
पढ़ना मेरे लिए इतना मुश्किल काम नहीं है!
जितना मुश्किल काम घर वालों को यकीन दिलाना है कि मैं पढ़ रहा हूँ!
न वफ़ा का ज़िक्र होगा,
न वफ़ा की बात होगी,
अब मोहब्बत जिससे भी होगी, एग्जाम के बाद होगी!
जब से होश सम्भाला है,
पढाई पूरी ही नहीं होती!