ससुर (दामाद से): अनमोल हीरे जैसी बेटी दी है तुम्हें मैंने।
दामाद: रहने दीजिए, अब ये बताइए कि कितने में वापस लेंगे?
पति: मैं तुम्हें शादी की 10वीं सालगिरह पर अंडमान और निकोबार द्वीप पर लेकर जाऊंगा।
पत्नी: सही में, और 25वीं सालगिरह पर?
पति: वापस लेने आऊंगा।
जिंदगी में शादी करना भी जरुरी है
क्योंकि
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जिंदगी में सकूं ही सब कुछ नहीं होता।
अगर आपकी पत्नी आपकी नहीं सुनती है
तो
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इतने ध्यान से क्यों पढ़ रहे हो? किसी की भी नहीं सुनती।
अगर पति और पत्नी में झगड़ा हो जाये और पत्नी की बातें बर्दाश्त से बाहर हो जायें तो पति को चाहिए कि जूता उठाये;
और
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इज्ज़त के साथ, घर से निकल जाये।
वैसे तो जो आप समझ रहे हैं, वो भी सोच अच्छी है। बस सिर्फ हिम्मत की कमी है।
हिंदुस्तानी नारी संस्कारों वाली होती हैं।
वो सबके सामने अपने पति को 'अबे गधे/ओए गधे' नहीं कहती।
इसीलिए कहती हैं, "ए जी/ ओ जी - सुनते हो।"
मिर्ज़ा ग़ालिब भी क्या खूब कह गये हैं:
जल्दबाज़ी में शादी करके सारा जीवन बिगाड़ लोगे;
और सोच समझकर करोगे तो भी कौन सा 'तीर' मार लोगे।
ये शादी नहीं आसान बस इतना समझ लीजिये;
एक फिनायल की गोली है और चूस कर खाना है।
सरकारी नौकर के महीने गुजरते हैं दिन के अनुसार अलग-अलग अवस्थायें हैं:
तारीख 1 से तारीख 10: गरम
11 से 20: नरम
21 से 30: बेशरम
सरकारी नौकर की बिविओं के महीने गुजरते हैं दिन के अनुसार अलग-अलग अवस्थायें हैं:
तारीख 1 से तारीख 10: चंद्रमुखी
11 से 20: सूर्यमुखी
21 से 30: ज्वालामुखी
मिर्ज़ा ग़ालिब भी क्या खूब कह गये हैं:
जल्द बाज़ी में शादी करके सारा जीवन बिगाड़ लोगे;
और सोच समझकर करोगे तो भी कौन सा 'तीर' मार लोगे।



