मैं बचाता रहा दीमकों से घर अपना;
और चंद कुर्सी के कीड़े पूरा मुल्क खा गए!
2009: कांग्रेस (आई)
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2014: कांग्रेस (गयी)
क्यों ना पार्लियामेंट कैंटीन का ठेका बिहार सरकार की मिड-डे मील इकाई को दे दिया जाये?
आपकी क्या राय है?
अगर अगले पाँच साल कांग्रेस ने और राज कर लिया तो यकीन कीजिए
भारत को "गूगल" भी नहीं ढूँढ पायेगा!
गब्बर सांभा से बोला, " ये ले 500 रूपए मुंबई में दो दिन के खाने का खर्चा।
सांभा: सरदार लेकिन मैंने तो सुना मुंबई में दो दिन के खाने के लिए 24 रूपए काफी हैं।
गब्बर: सांभा मैं गब्बर हूँ बब्बर नहीं।
जो कहते है कि पाँच रुपये में पेट भर जाता है,
वो कान खोलकर सुन लें...
इस देश में पेट खाली करनें का ही पाँच रुपया लग जाता है...
यूपीए सरकार के मुताबिक, पैसा खाना (2G, कोल, CWG घोटाला) जरूरत है और एसी रेस्ट्रॉन्ट में बैठकर खाना खाना लग्जरी की चीज है।
फ़िल्म "भाग मिल्खा भाग" नहीं बनती तो नई पीढ़ी जान हीं नहीं पाती कि डी.के. बोस के अलावा भी कोई भागता है।
बिहार के छपरा में जहरीला मिड डे मील खाने से 21 बच्चों की मौत....
कांग्रेस और नीतीश कुमार द्वारा नरेन्द्र मोदी के जहरीले भाषणों को इसका जिम्मेदार माने जाने की संभावना.....
एक तरफ नरेन्द्र मोदी को सुनने के लिए पैसे देने पड़ेंगे,
दूसरी तरफ़ लोग पैसे लेकर भी राहुल गांधी को सुनने नहीं जाते....
बहुते नाइंसाफी है रे ई तो!



