गर्मी आ गई हैं अपना ख्याल रखना।
पानी ज्यादा पीना;
खाना कम खाना;
और सबसे जरूरी बात;
सिर को धूप से बचाना;
क्योंकि...
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भूसे मे आग जल्दी लगती है।
गर्मी पड़नी शुरू हो गई और लड़कियां भी सुल्ताना डाकू बन के घुमने लगी हैं
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कभी कभी तो मालूम ही नही होता कि अपना शहर है या चम्बल का इलाका।
सिर से पैर तक कपडे,
हाथो मे दस्ताने,
चेहरे पे लिप्टा स्कार्फ़,
कंधो पर दुपट्टा,
बन्धे हुए बाल
यकिनन, गर्मी लडकियों को संस्कारी बना देती है।

कभी आप खुले आसमान के नीचे अपनी कमाई रख कर देखिये, रात भर नींद नहीं आएगी।
सोचिये किसान पर क्या गुज़रती होगी?

कितने अजब रंग समेटे है ये बे-मौसम बारिश खुद में;
अमीर पकौड़े खाने की सोच रहा है तो किसान जहर।

गर्मी आने से कई जगहों पर लोगों के पंखे चल पड़े हैं लेकिन कुछ अंकल अभी भी 50% डिस्काउंट वाली जैकेट पहने घूम रहे है।
अपने पैसे पूरे करने हैं, चाहे गर्मी से दम घुट जाये।

बहुत बिगडे है जमाने के रंग क्योंकि
मिल बैठे हैं तीन यार संग संग
Summer
Monsoon
Winter

हर जगह राजनीति चल रही है।
आलम यह है कि अब तो ठंड और बारिश ने भी गठबंधन करके सरकार बना ली है।
बेचारी गर्मी अल्पमत में हो गई।

प्रिय इंदर देव जी, अगर अप्सराओं से फुर्सत मिल जाये तो कृपया अपने कैलेंडर का महीना चेक कर लो।

ये बारिश नहीं सरकारी कर्मचारी के आँसू हैं, जेटली साहब।