जीने की उसने हमे नई अदा दी है;
खुश रहने की उसने दुआ दी है;
ऐ खुदा उसको खुशियाँ तमाम देना;
जिसने अपने दिल मे हमें जगह दी है।
सितम को हमने बेरुखी समझा;
प्यार को हमने बंदगी समझा;
तुम चाहे हमे जो भी समझो;
हमने तो तुम्हे अपनी ज़िंदगी समझा।
तेरी बेरुखी को भी रुतबा दिया हमने;
प्यार का हर फ़र्ज़ भी अदा किया हमने;
मत सोच कि हम भूल गए हैं तुझे;
आज भी खुदा से पहले तुझे याद किया है हमने।
पहली मोहब्बत थी मेरी हम ये जान न सके;
प्यार क्या होता है वो पहचान न सके;
हमने उन्हें दिल में बसाया है इस कदर कि;
जब भी चाहा दिल से हम उसे निकाल न सके।
बात करने से पहले सोचता हूँ क्या कहना है;
बात होने के बाद फिर कुछ कहना रह जाता है;
अगर होता है इतना खूबसूरत ये प्यार;
तो फिर क्यों अक्सर ये अधूरा रह जाता है।
इश्क़ ने हमें बेनाम कर दिया;
हर ख़ुशी से हमें अंजान कर दिया;
हमने तो कभी नहीं चाहा कि हमें भी मोहब्बत हो;
लेकिन आप की एक नज़र ने हमे नीलाम कर दिया।
कुछ सोचूं तो तेरा ख्याल आ जाता है;
कुछ बोलूं तो तेरा नाम आ जाता है;
कब तक छुपाऊँ दिल की बात;
उसकी हर अदा पर मुझे प्यार आ जाता है।
मेरा हर पल आज खूबसूरत हैं;
दिल में जो सिर्फ तेरी ही सूरत है;
कुछ भी कहे ये दुनिया ग़म नहीं;
दुनिया से ज्यादा हमें तेरी ज़रूरत है।
आँख तो प्यार में दिल की ज़ुबान होती है;
सच्ची चाहत तो सदा बे-ज़ुबान होती है;
प्यार में दर्द भी मिले तो क्या घबराना;
सुना है दर्द से ही चाहत और जवान होती है।
वो पलकें झुकाना, वो तेरा शर्माना;
कोई तुझसे सीखे दिल को चुराना;
वो लटों को अपनी उंगली से घुमाना;
कोई तुझसे सीखे किसी को दीवाना बनाना।