जीने की ख्वाहिश में हर रोज़ मरते हैं; वो आये न आये हम इंतज़ार करते हैं; झूठा ही सही मेरे यार का वादा; हम सच मान कर ऐतबार करते हैं। |
ज़ख़्म इतने गहरे हैं इज़हार क्या करें; हम खुद निशाना बन गए वार क्या करें; मर गए हम मगर खुली रही ये आँखें; अब इससे ज्यादा उनका इंतज़ार क्या करें। |
आज तक है उसके लौट आने की उम्मीद; आज तक ठहरी है ज़िंदगी अपनी जगह; लाख ये चाहा कि उसे भूल जायेँ पर; हौंसले अपनी जगह बेबसी अपनी जगह। |
बड़ी मुश्किल में हूँ कैसे इज़हार करूँ; वो तो खुशबु है उसे कैसे गिरफ्तार करूँ; उसकी मोहब्बत पर मेरा हक़ नहीं लेकिन; दिल करता है आखिरी सांस तक उसका इंतज़ार करूँ। |
नज़रें मेरी थक न जायें कहीं तेरा इंतज़ार करते-करते; यह जान मेरी यूँ ही निकल ना जाये तुम से इश्क़ का इज़हार करते-करते। |
कोई मिलता ही नहीं हमसे हमारा बनकर; वो मिले भी तो एक किनारा बनकर; हर ख्वाब टूट के बिखरा काँच की तरह; बस एक इंतज़ार है साथ, सहारा बनकर। |
नज़रें मेरी कहीं थक न जायें; बेवफा तेरा इंतज़ार करते-करते; ये जान यूँ ही निकल न जाये; तुम से इश्क़ का इज़हार करते-करते। |
इतना इंतज़ार तो अपनी धड़कनों पर भी हमने न किया; जितना आपकी बातों पर करते हैं; इतना इंतज़ार तो अपनी साँसों का भी न किया; जितना आपके मिलने का करते हैं। |
देर लगी आने में तुमको, शुक्र है फिर भी आये तो; आस ने दिल का साथ न छोड़ा, वैसे हम घबराये तो। |
तेरे इंतजार मे कब से उदास बैठे हैं; तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे हैं; तू एक नज़र हम को देख ले बस; इस आस में कब से बेकरार बैठे हैं। |