Jigar Moradabadi Hindi Shayari

  • क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है;</br>
हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है!</br>
*ख़ाक-नशीनों: तपस्वीUpload to Facebook
    क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है;
    हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है!
    *ख़ाक-नशीनों: तपस्वी
    ~ Jigar Moradabadi
  • कभी उन मद-भरी आँखों से पिया था इक जाम;</br>
आज तक होश नहीं होश नहीं होश नहीं!Upload to Facebook
    कभी उन मद-भरी आँखों से पिया था इक जाम;
    आज तक होश नहीं होश नहीं होश नहीं!
    ~ Jigar Moradabadi
  • एक ऐसा भी वक़्त होता है;</br>
मुस्कुराहट भी आह होती है!Upload to Facebook
    एक ऐसा भी वक़्त होता है;
    मुस्कुराहट भी आह होती है!
    ~ Jigar Moradabadi
  • दिल है क़दमों पर किसी के सिर झुका हो या न हो;</br>
बंदगी तो अपनी फ़ितरत है ख़ुदा हो या न हो!Upload to Facebook
    दिल है क़दमों पर किसी के सिर झुका हो या न हो;
    बंदगी तो अपनी फ़ितरत है ख़ुदा हो या न हो!
    ~ Jigar Moradabadi
  • दर्द-ओ-ग़म दिल की तबीयत बन गए;</br>
अब यहाँ आराम ही आराम है!Upload to Facebook
    दर्द-ओ-ग़म दिल की तबीयत बन गए;
    अब यहाँ आराम ही आराम है!
    ~ Jigar Moradabadi
  • हसीन तेरी आँखें हसीन तेरे आँसू;</br>
यहीं डूब जाने को जी चाहता है!Upload to Facebook
    हसीन तेरी आँखें हसीन तेरे आँसू;
    यहीं डूब जाने को जी चाहता है!
    ~ Jigar Moradabadi
  • इतने हिजाबों पर तो ये आलम है हुस्न का;</br>
क्या हाल हो जो देख लें पर्दा उठा के हम!Upload to Facebook
    इतने हिजाबों पर तो ये आलम है हुस्न का;
    क्या हाल हो जो देख लें पर्दा उठा के हम!
    ~ Jigar Moradabadi
  • इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा;</br>
आदमी काम का नहीं होता!Upload to Facebook
    इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा;
    आदमी काम का नहीं होता!
    ~ Jigar Moradabadi
  • या वो थे ख़फ़ा हम से, या हम हैं ख़फ़ा उन से;<br/>
कल उन का ज़माना था, आज अपना ज़माना है!Upload to Facebook
    या वो थे ख़फ़ा हम से, या हम हैं ख़फ़ा उन से;
    कल उन का ज़माना था, आज अपना ज़माना है!
    ~ Jigar Moradabadi
  • जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं;<br/>
वही दुनिया बदलते जा रहे हैं!Upload to Facebook
    जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं;
    वही दुनिया बदलते जा रहे हैं!
    ~ Jigar Moradabadi