कभी तो आओ मेरी मोहब्बत भरी शायरियां पढ़ने; दिल हार कर ही जाओगे, ये वादा है मेरा! |
कौन कहता है कि हम झूठ नहीं बोलते तुम एक बार खैरियत पूछ कर तो देखो! |
दर्द कितना खुशनसीब है मिलते ही अपनों की याद दिलाता है; दौलत कितनी बदनसीब है मिलते ही लोग अपनों को भूल जाते हैं! |
बदल दिये अब हमने उदास होने के तरीके; अब कोई दिल भी दुखाये तो बस, हल्का सा मुस्कुरा देते हैं! |
कुछ उलझनों के हल वक़्त पे छोड़ देने चाहिए; बेशक जवाब देर से मिलेंगे लेकिन बेहतरीन होंगे! |
कुछ अपनों की वजह से, कल अपनों के बीच नहीं रहेंगे हम! |
तस्वीर खिंचवाने के रिवाज़ ने कितना मजबूर कर दिया, ग़म कितना भी हो दिल में मुस्कुराना पड़ता है! |
मेरे ऐब तो ज़माने में उजागर है, फ़िक्र वो करे जिनके गुनाह पर्दे में हैं! |
अगर तुम ना होते, तो टूट के बिखर जाते, गर तुम पास होते, तो इतना भी ना टूटते! |
गज़ब की धूप है इस शहर में फिर भी पता नहीं; लोगों के दिल यहाँ, पिघलते क्यों नहीं। |