गुनगुनाना तो तकदीर में लिखा के लाए थे; खिलखिलाना दोस्तों ने तोहफे में दे दिया! |
गुनगुनाना तो तकदीर में लिखा के लाए थे; खिलखिलाना दोस्तों ने तोहफे में दे दिया! |
खता मत गिन दोस्ती में, कि किसने क्या गुनाह किया; दोस्ती तो एक नशा है, जो तूने भी किया और मैंने भी किया! |
एक ताबीज़ तेरी मेरी दोस्ती को भी चाहिए; थोड़ी सी दिखी नहीं कि नज़र लगने लगती है। |
प्यार से कहो तो आसमान मांग लो, रूठ कर कहो तो मुस्कान मांग लो, तमन्ना यही है कि दोस्ती मत तोड़ना, फिर चाहें हँसकर हमारी जान मांग लो। |
फ़िक्र-ए-रोज़गार ने फासले बढा दिए वरना; सब यार एक साथ थे, अभी कल ही की तो बात है! |
इत्तेफ़ाक़ से तो नहीं टकराये हम सब ए दोस्तों; थोड़ी ख्वाहिश तो खुदा की भी होगी! |
लिखा था राशी में आज खजाना मिलेगा; गुजरे एक गली से और दोस्त पुराना मिल गया। |
रहने दो मुझे यूँ ही उलझा हुआ सा अपने सब दोस्तों में; सुना है सुलझ जाने के बाद धागे अलग-अलग हो जाते हैं! |
दोस्तों के दिल में रहने की इज़ाज़त नहीं मांगी जाती; ये तो वो जगह है जहां कब्जा किया जाता है! |