बंटी: मैं ज़िंदगी में कुछ बड़ा और साफ़-सुथरा करना चाहता हूँ।
पप्पू: तो तू एक हाथी को नहला दे। वो बड़ा भी है और साफ़ भी हो जायेगा।
पप्पू: पापा, सूरज, धरती से कितनी दूर है?
संता: मुझे नहीं पता।
पप्पू: आप की इसी नासमझी की सज़ा मुझे कल स्कूल में मिलेगी।
टीचर: ये बताओ कि सूखे और बाढ़ में क्या अंतर है?
पप्पू: जी, ज़मीन-आसमान का फर्क है?
टीचर: वो कैसे?
पप्पू: सूखे में प्रधान मंत्री कार से दौरा करते हैं और बाढ़ में हेलीकॉप्टर से।
पप्पू: लोग कहते है कि हम अपनी गलतियों से सीखते हैं।
टीचर: हाँ बिल्कुल सही है।
पप्पू: इसीलिए मैं इतनी गलतियां करता हूँ ताकि मैं Genius बन सकूँ।
संता (पप्पू से): बेटा, अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी परीक्षा की तैयारी करने में मदद कर सकता हूँ।
पप्पू: नहीं शुक्रिया पापा, आप मेहनत मत करें, मैं अपने आप फेल हो जाऊंगा।
पप्पू: मम्मी 'लव मैरिज' करने से घरवाले नाराज होते हैं क्या?
जीतो: तू जरूर किसी चुड़ैल के चक्कर में होगा और यह सब तुझे उसी डायन ने कहा होगा। लड़कियां तो बस लड़कों को फंसाने में ही लगी रहती हैं। जहां अच्छा लड़का देखा शुरू हो गई। बेटा तू इनसे बच के रहना। ये बहुत मक्कार और कमीनी होती हैं। और इनका तो खानदान भी...
पप्पू: बस मम्मी, ऐसा कुछ नहीं है। वो तो पापा बता रहे थे कि आप दोनों की लव मैरिज हुई थी।
पप्पू: चोपड़ा अंकल, आप चेमिस्ट हैं ना?
चोपड़ा अंकल: हाँ बेटा, पर चेमिस्ट नहीं केमिस्ट बोलते हैं!
पप्पू: अच्छा! थैंक्यू, कोपड़ा अंकल !
पप्पू परीक्षा में टीचर से: सर आज तारीख क्या है?
टीचर: तारीख को छोड़ो, परीक्षा पर ध्यान दो।
पप्पू: सर, मैं चाहता हूँ कि मेरे दिए जवाबों में कुछ तो सही हो।
टीचर: अगर मन से प्रार्थना करें तो ईश्वर हर इच्छा पूरी करते हैं।
पप्पू: यह झूठ है सर।
टीचर: क्यों?
पप्पू: क्योंकि अगर ऐसा होता तो आप कब के दूसरे स्कूल में चले गए होते।
टीचर: आज तुम क्लास में बातें कर रहे हो। रोज़ तो नज़रें झुकाये मेरा लेक्चर सुनते रहते थे। क्या हुआ तुम्हें आज?
पप्पू: मैडम आज मेरा "नेट पैक" खत्म हो गया है।