राहुल गाँधी का जोश देख बचपन के उन दिनों की याद आ गई जब छुट्टी से लौटने के फौरन बाद नई कॉपी और पैन खरीदने के बाद खुद से कहते थे - "आज से पढ़ाई शुरू"।
राहुल(किसानों से): आप खेतों में क्या बनाते हो?
किसान: गेहूं, चावल और बाजरा।
राहुल: तो फिर 'किसान जैम' कौन बनाता है!
बीजेपी ने देश को दो प्रधानमंत्री दिये -
एक कविताएँ सुनाते थे और एक कहानियाँ सुनाते हैं।
जिस तरह की नौटंकी राहुल गाँधी कर रहे हैं, लगता है कि वो दो महीने केजरीवाल से चुप-चाप ट्यूशन लेकर आए हैं।
लोगों ने कहा कि "कांग्रेस" गई "भाजपा" आ गई,
अब देश का विकास होगा, अच्छे दिन आएगें।
अब इन लोगों को कौन समझाये कि "गंगाधर" ही "शक्तिमान" है।
भूकंप के बाद बिहार सरकार ने लड़कियों के लिपस्टिक लगाने पर रोक लगा दी है, क्योंकि...
तू लगावेल जब लिपस्टिक, हिलेला सारा डिस्टिक!
भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले क्षेत्र -
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
फेसबुक, व्हाट्सएप्प और ट्विटर!
मोदी जी 26 अप्रेल को फिर से मन की बात करेंगे।
सवाल ये है कि जब वो मुँह से इतना बोल लेते हैं तो फिर कहने के लिए उनके मन में रह क्या जाता है?
रंगों से भरा हिंदुस्तान है;
कोई मुश्किल तो कोई जिंदगी आसान है;
एक कैच के मिले 1 लाख खिलाड़ी को;
उधर तंगी से मरा एक किसान है।
राहुल बाबा का भाषण ख़त्म होने के बाद कुछ किसान सोनिया से मिले और सौ-सौ का नोट थमाते हुए बोले-लो मैडम मुआवजा...'फसल' तो आपकी भी बर्बाद हुई है।



