जो लोग उठाते हैं हाथों में इश्क का झंडा;
वही अक्सर पाते हैं एग्जाम में 'अंडा'।

जो मिल गया उसे मुक़द्दर समझो;
खुद को वक़्त का सिकंदर समझो;
क्यों डरते हो यारों रिजल्ट से?
रिजल्ट आने तक खुद को यूनिवर्सिटी-टॉपर समझो!

समंदर भर सिलेबस होता है;
नदी भर पढ़ पाते हैं;
बाल्टी भर याद रहता है;
चुल्लू भर नंबर आते हैं;
जिसमें हम डूब जाते हैं।

परीक्षा विशेष शायरी:
प्यासी निगाहों से जलता रहा मेरी चाहत का दियां;
कुछ तो important बता दे मेरे यार, मैंने अभी शुरू भी नहीं किया।

रात को किताबें मुझे देखती रहीं;
नींद मुझे अपनी ओर खींचती रही;
नींद का झोका मेरा मन मोह गया;
और एक रात फिर ये पढ़ाकू बिना पढ़े ही सो गया।

हर तरफ पढ़ाई का साया है;
हर पेपर में जीरो आया है;
हम तो यूहीं चले जाते हैं बिना मुंह धोये ही;
और लोग कहते हैं, 'साला रात भर पढ़कर आया है।'

हर युग में ऐसा होता है;
हर स्टूडेंट इश्क में खोता है;
पढ़ाई रह जाती है सिर्फ दिखावे की;
और फिर हाल-ए-दिल, मार्कशीट पर बयाँ होता है।

sms

सबसे ज्यादा नशा किस्में होता है?
शराब में?
नहीं;
प्यार में?
नहीं;
पैसे में?
नहीं;
'सबसे ज्यादा नशा किताब में होता है, खोलते ही नींद आ जाती है।'

वो आये हम देखते रहे;
वो मुस्कुराये हम चुप रहे;
वो कहते रहे हमने सुना नहीं;
जब वो चले गए हम चिल्लाये;
"सर Attendence (उपस्थिति)।"

आपने कभी सोचा है सबसे ज्यादा नशा किस चीज़ में होता है?
नहीं पता?
मैं बताता हूँ।
किताबों में, खोलते ही सिर घूमने लगता है और नींद आने लगती है।

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