आखिर वो समय आ ही गया जब हम सुबह उठकर ज़िन्दगी का सबसे मुश्किल फैंसला करते हैं कि...
आज नहाना चाहिए या नहीं।
जीवन में एक बात याद रखना कि आँसू पोंछने वाले हज़ारों मिलेंगे पर...
नाक पोंछने कोई नहीं आता, ठंड आ गई है।
अपना ध्यान रखना।
मेरे भारत का हर शहर है नगीना;
बारिश पड़ती है आधा घंटा,
कीचड़ पूरा महीना।
लगता है बारिश को भी कब्ज हो गयी है...
मौसम बनता है पर अाती नहीं।
पहले फॉग चल रहा था, अब लू चल रही है।
दोनों साथ-साथ क्यों नहीं चलते?
लगता है यह दोनों भी पति-पत्नी हैं।
भाड़ में गए अच्छे दिन,
यह बताओ ठन्डे दिन कब आएंगे?
हे सूर्यदेव,
अब हम लोगों ने गलती मान ली कि देश में फॉग नहीं सिर्फ आप का ही जलवा है।
अब गुस्सा थूक दो यार और अपना पारा थोड़ा नीचे कर लो।
देश में इतनी ज्यादा गर्म हवायें चल रही हैं कि पूरा देश ही 'Barbeque Nation' बन गया है।
नहीं मान रहा सूरज!
अब और क्या घर के अंदर घुसने का मूड है।
प्यारे हनुमान जी,
अब समय आ गया है कि आप फिर से सूरज को खा लें।