समझ नहीं आ रहा ये मौसम कौन सा चल रहा है!
मच्छर काट रहे हैं... कम्बल भी ओढ़ रहे हैं... पंखा भी चला रहे हैं और पी ठंडा पानी रहे हैं!
लगता है कोनो फिरकी ले रहा है!
इस बार गर्मी का भी मन है कि दिपावली देख कर ही जाउंगी!
नहाने से पहले 10 मिनट बैठकर बाल्टी को घूरने वाले दिन आ रहे हैं!
जब बारिश होती है तब आलू और प्याज़ का कर्तव्य है कि खुद को बेसन में लपेटकर गरम तेल में कूद जाएँ!
गर्मी का आलम इस कदर है कि लड़कियां सुबह घर से कैटरीना बनकर जाती हैं और वापस मिशेल ओबामा बनकर आती हैं!
ऐ सर्दी तू इतना ना इतरा,
अगर जो हिम्मत है तो बारातों में पहुँची हुई औरतों को ठण्ड लगाकर दिखा।
2 दिन से ठण्ड कुछ ज्यादा ही लग रही थी, कारण पता किया तो मालूम पड़ा कि...
रजाई आधार कार्ड से लिंक नहीं थी।
अतः अपनी अपनी रजाई आधार कार्ड से लिंक करवाएं और ठण्ड से बचें।
~ जनहित में जारी!
आज तो इतनी ठंड है यार कि...
कोई पानी वाली पिस्तौल दिखा कर भी लूट सकता है।
आज-कल पाँव जमीं पर नहीं पड़ते मेरे क्या करूँ,
आँगन कितना ठंडा है।
"ठंडे-ठंडे" पानी से नहाना चाहिए" ये गाना सिर्फ गर्मियों में अच्छा लगता है!
सर्दियों में तो इस पर बैन लगा देना चाहिए!