हमारी मुस्कुराहट पर न जाना; दिया तो क़ब्र पर भी जल रहा है! |
वो जो प्यासा लगता था सैलाब-ज़दा था; पानी पानी कहते कहते डूब गया है! |
अंजाम को पहुँचूंगा मैं अंजाम से पहले; ख़ुद मेरी कहानी भी सुनाएगा कोई और! |
इक डूबती धड़कन की सदा लोग न सुन लें; कुछ देर को बजने दो ये शहनाई ज़रा और! |
हो जाएगी जब तुम से शनासाई ज़रा और; बढ़ जाएगी शायद मेरी तन्हाई ज़रा और! |