Aleem Akhtar Hindi Shayari

  • दर्द का फिर मज़ा है जब 'अख़्तर';</br>
दर्द ख़ुद चारा साज़ हो जाए!</br>
*अख़्तर: तारा, सितारा, क़िस्मतUpload to Facebook
    दर्द का फिर मज़ा है जब 'अख़्तर';
    दर्द ख़ुद चारा साज़ हो जाए!
    *अख़्तर: तारा, सितारा, क़िस्मत
    ~ Aleem Akhtar