Andaleeb Shadani Hindi Shayari

  • दिल पर चोट पड़ी है तब तो आह लबों तक आई है;<br/>

यूँ ही छन से बोल उठना तो शीशे का दस्तूर नहीं!Upload to Facebook
    दिल पर चोट पड़ी है तब तो आह लबों तक आई है;
    यूँ ही छन से बोल उठना तो शीशे का दस्तूर नहीं!
    ~ Andaleeb Shadani