Bashar Nawaz Hindi Shayari

  • जाने किन रिश्तों ने मुझ को बाँध रखा है कि मैं;<br />
मुद्दतों से आँधियों की ज़द में हूँ बिखरा नहीं!Upload to Facebook
    जाने किन रिश्तों ने मुझ को बाँध रखा है कि मैं;
    मुद्दतों से आँधियों की ज़द में हूँ बिखरा नहीं!
    ~ Bashar Nawaz