राह में बैठा हूँ मैं तुम संग-ए-रह समझो मुझे; आदमी बन जाऊँगा कुछ ठोकरें खाने के बाद! |
अदाएँ देखने बैठे हो क्या आईने में अपनी; दिया है जिस ने तुम जैसे को दिल उस का जिगर देखो! |
दम भर मेरे पहलू में उन्हें चैन कहाँ है; बैठे कि बहाने से किसी काम से उठे! पहलू: पसली, (पास) |
दम भर मेरे पहलू में उन्हें चैन कहाँ है; बैठे, कि बहाने से किसी काम से उठे! |
जादू है या तिलिस्म तुम्हारी ज़बान में; तुम झूठ कह रहे थे मुझे ऐतबार था। |
दी क़सम वस्ल में उस बुत को ख़ुदा की तो कहा; तुझ को आता है ख़ुदा याद हमारे होते। वस्ल = मिलन |
जादू है या तिलिस्म तुम्हारी ज़बान में; तुम झूठ कह रहे थे मुझे ऐतबार था! |
जादू है या तिलिस्म है तुम्हारी जुबान में; तुम झूठ कह रहे थे, मुझे ऐतबार था। Meaning: तिलिस्म - माया, इंद्रजाल, जादू, दृष्टिबंध, नजरबंदी |
रक़ीबों के लिए अच्छा ठिकाना हो गया पैदा; ख़ुदा आबाद रखे मैं तो कहता हूँ जहन्नम को। Meaning: रक़ीब = दुश्मन, शत्रु |