Ghazal Ansari Hindi Shayari

  • अब ज़िंदगी का कोई सहारा नहीं रहा;<br/>
सब ग़ैर हैं कोई भी हमारा नहीं रहा!Upload to Facebook
    अब ज़िंदगी का कोई सहारा नहीं रहा;
    सब ग़ैर हैं कोई भी हमारा नहीं रहा!
    ~ Ghazal Ansari