Ghulam Mohammad Qasir Hindi Shayari

  • करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम;<br/>
मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता!Upload to Facebook
    करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम;
    मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता!
    ~ Ghulam Mohammad Qasir