Goya Faqir Mohammad Hindi Shayari

  • ना मेरी ज़ख़्म पर रखो मरहम;<br/>
मेरे क़ातिल की ये निशानी है!Upload to Facebook
    ना मेरी ज़ख़्म पर रखो मरहम;
    मेरे क़ातिल की ये निशानी है!
    ~ Goya Faqir Mohammad