Ismail Merathi Hindi Shayari

  • ख़्वाहिशों ने डुबो दिया दिल को;</br>
वर्ना ये बहर-ए-बे-कराँ होता!</br></br>
*बहर-ए-बे-कराँ: बिना किनारे का समुद्र
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    ख़्वाहिशों ने डुबो दिया दिल को;
    वर्ना ये बहर-ए-बे-कराँ होता!

    *बहर-ए-बे-कराँ: बिना किनारे का समुद्र
    ~ Ismail Merathi
  • इज़हार-ए-हाल का भी ज़रिया नहीं रहा;</br>
दिल इतना जल गया है कि आँखों में नम नहीं!Upload to Facebook
    इज़हार-ए-हाल का भी ज़रिया नहीं रहा;
    दिल इतना जल गया है कि आँखों में नम नहीं!
    ~ Ismail Merathi