Jameeluddin Aali Hindi Shayari

  • ना कोई उस से भाग सके और ना कोई उस को पाए; <br/>
आप ही घाव लगाए समय और आप ही भरने आए!Upload to Facebook
    ना कोई उस से भाग सके और ना कोई उस को पाए;
    आप ही घाव लगाए समय और आप ही भरने आए!
    ~ Jameeluddin Aali
  • ना कोई उस से भाग सके और ना कोई उस को पाए; <br/>
आप ही घाव लगाए समय और आप ही भरने आए!Upload to Facebook
    ना कोई उस से भाग सके और ना कोई उस को पाए;
    आप ही घाव लगाए समय और आप ही भरने आए!
    ~ Jameeluddin Aali
  • बुर्क़ा-पोश पठानी जिस की लाज में सौ सौ रूप; <br/>
खुल के न देखी फिर भी देखी हम ने छाँव में धूप!Upload to Facebook
    बुर्क़ा-पोश पठानी जिस की लाज में सौ सौ रूप;
    खुल के न देखी फिर भी देखी हम ने छाँव में धूप!
    ~ Jameeluddin Aali
  • साजन हमसे मिले भी लेकिन ऐसे मिले कि हाय;<br/>
जैसे सूखे खेत से बादल बिन बरसे उड़ जाये!Upload to Facebook
    साजन हमसे मिले भी लेकिन ऐसे मिले कि हाय;
    जैसे सूखे खेत से बादल बिन बरसे उड़ जाये!
    ~ Jameeluddin Aali