Mirza Raza Barq Hindi Shayari

  • ऐ सनम वस्ल की तदबीरों से क्या होता है;</br>
वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है।Upload to Facebook
    ऐ सनम वस्ल की तदबीरों से क्या होता है;
    वही होता है जो मंज़ूर-ए-ख़ुदा होता है।
    ~ Mirza Raza Barq