Obaidullah Aleem Hindi Shayari

  • अज़ीज़ इतना ही रखो कि जी सँभल जाए;</br>
अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए!</br>
~ उबैदुल्लाह अलीम</br>
'अज़ीज़</br>
*दोस्त, प्रिय, प्यारा,Upload to Facebook
    अज़ीज़ इतना ही रखो कि जी सँभल जाए;
    अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए!
    ~ उबैदुल्लाह अलीम
    'अज़ीज़
    *दोस्त, प्रिय, प्यारा,
    ~ Obaidullah Aleem
  • जो दिल को है ख़बर कहीं मिलती नहीं ख़बर;</br>
हर सुब्ह एक अज़ाब है अख़बार देखना!Upload to Facebook
    जो दिल को है ख़बर कहीं मिलती नहीं ख़बर;
    हर सुब्ह एक अज़ाब है अख़बार देखना!
    ~ Obaidullah Aleem
  • ख़्वाब ही ख़्वाब कब तलक देखूँ;</br>
काश तुझ को भी इक झलक देखूँ!Upload to Facebook
    ख़्वाब ही ख़्वाब कब तलक देखूँ;
    काश तुझ को भी इक झलक देखूँ!
    ~ Obaidullah Aleem
  • हवा के दोश पे रखे हुए चिराग़ हैं हम;</br>
जो बुझ गए तो हवा से शिकायतें कैसी!
Upload to Facebook
    हवा के दोश पे रखे हुए चिराग़ हैं हम;
    जो बुझ गए तो हवा से शिकायतें कैसी!
    ~ Obaidullah Aleem
  • बड़ी आरज़ू थी हम को नए ख़्वाब देखने की;<br/>
सो अब अपनी ज़िंदगी में नए ख़्वाब भर रहे हैं!Upload to Facebook
    बड़ी आरज़ू थी हम को नए ख़्वाब देखने की;
    सो अब अपनी ज़िंदगी में नए ख़्वाब भर रहे हैं!
    ~ Obaidullah Aleem
  • हाए वो लोग गए चाँद से मिलने और फिर;<br/>
अपने ही टूटे हुए ख़्वाब उठा कर ले आए!Upload to Facebook
    हाए वो लोग गए चाँद से मिलने और फिर;
    अपने ही टूटे हुए ख़्वाब उठा कर ले आए!
    ~ Obaidullah Aleem
  • काश देखो कभी टूटे हुए आईनों को:<br/>
दिल शिकस्ता हो तो फिर अपना पराया क्या है!Upload to Facebook
    काश देखो कभी टूटे हुए आईनों को:
    दिल शिकस्ता हो तो फिर अपना पराया क्या है!
    ~ Obaidullah Aleem
  • मैं उस को भूल गया हूँ वो मुझ को भूल गया;<br/>
तो फिर ये दिल पे क्यों दस्तक सी ना-गहानी हुई!<br/><br/>

*ना-गहानी - आकस्मिक, इत्तिफ़ाक़ी, दैविक, गैवीUpload to Facebook
    मैं उस को भूल गया हूँ वो मुझ को भूल गया;
    तो फिर ये दिल पे क्यों दस्तक सी ना-गहानी हुई!

    *ना-गहानी - आकस्मिक, इत्तिफ़ाक़ी, दैविक, गैवी
    ~ Obaidullah Aleem
  • जवानी क्या हुई इक रात की कहानी हुई;<br/>
बदन पुराना हुआ रूह भी पुरानी हुई!Upload to Facebook
    जवानी क्या हुई इक रात की कहानी हुई;
    बदन पुराना हुआ रूह भी पुरानी हुई!
    ~ Obaidullah Aleem
  • अब तो मिल जाओ हमें तुम कि तुम्हारी ख़ातिर;<br/>
इतनी दूर आ गए दुनिया से किनारा करते!Upload to Facebook
    अब तो मिल जाओ हमें तुम कि तुम्हारी ख़ातिर;
    इतनी दूर आ गए दुनिया से किनारा करते!
    ~ Obaidullah Aleem