Rafi Raza Hindi Shayari

  • ख़्वाब में या ख़याल में मुझे मिल;<br/>
तू कभी ख़द्द-ओ-ख़ाल में मुझे मिल!Upload to Facebook
    ख़्वाब में या ख़याल में मुझे मिल;
    तू कभी ख़द्द-ओ-ख़ाल में मुझे मिल!
    ~ Rafi Raza
  • एक मज्ज़ूब उदासी मेरे अंदर गुम है;<br/>
इस समुंदर में कोई और समुंदर गुम है!Upload to Facebook
    एक मज्ज़ूब उदासी मेरे अंदर गुम है;
    इस समुंदर में कोई और समुंदर गुम है!
    ~ Rafi Raza