Saba Akbarabadi Hindi Shayari

  • भीड़ तन्हाइयों का मेला है;</br>
आदमी आदमी अकेला है!Upload to Facebook
    भीड़ तन्हाइयों का मेला है;
    आदमी आदमी अकेला है!
    ~ Saba Akbarabadi
  • ऐसा भी कोई ग़म है जो तुम से नहीं पाया;<br/>
ऐसा भी कोई दर्द है जो दिल में नहीं है!Upload to Facebook
    ऐसा भी कोई ग़म है जो तुम से नहीं पाया;
    ऐसा भी कोई दर्द है जो दिल में नहीं है!
    ~ Saba Akbarabadi
  • आप के लब पे और वफ़ा की क़सम;<br/>
क्या क़सम खाई है ख़ुदा की क़सम!Upload to Facebook
    आप के लब पे और वफ़ा की क़सम;
    क्या क़सम खाई है ख़ुदा की क़सम!
    ~ Saba Akbarabadi