Sahiba Sheheryar Hindi Shayari

  • बंद आँखें करूँ और ख़्वाब तुम्हारे देखूँ;</br>
तपती गर्मी में भी वादी के नज़ारे देखूँ!Upload to Facebook
    बंद आँखें करूँ और ख़्वाब तुम्हारे देखूँ;
    तपती गर्मी में भी वादी के नज़ारे देखूँ!
    ~ Sahiba Sheheryar