Saqib Lakhnavi Hindi Shayari

  • ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था;</br>
हमीं सो गए दास्ताँ कहते कहते!Upload to Facebook
    ज़माना बड़े शौक़ से सुन रहा था;
    हमीं सो गए दास्ताँ कहते कहते!
    ~ Saqib Lakhnavi
  • आधी से ज़्यादा शब-ए-ग़म काट चुका हूँ;<br/>
अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बड़ी है!Upload to Facebook
    आधी से ज़्यादा शब-ए-ग़म काट चुका हूँ;
    अब भी अगर आ जाओ तो ये रात बड़ी है!
    ~ Saqib Lakhnavi