Seemab Akbarabadi Hindi Shayari

  • दिल नाशिकेब, रूह परेशान, नज़र उदास;<br/>
ये क्या बना दिया है तिरे इंतिज़ार ने!Upload to Facebook
    दिल नाशिकेब, रूह परेशान, नज़र उदास;
    ये क्या बना दिया है तिरे इंतिज़ार ने!
    ~ Seemab Akbarabadi
  • दिल की बिसात क्या थी निगाह-ए-जमाल में;<br/>
इक आइना था टूट गया देख-भाल में!
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    दिल की बिसात क्या थी निगाह-ए-जमाल में;
    इक आइना था टूट गया देख-भाल में!
    ~ Seemab Akbarabadi