Sohail Azeemabadi Hindi Shayari

  • पत्थर तो हज़ारों ने मारे थे मुझे लेकिन;</br>
जो दिल पे लगा आ कर इक दोस्त ने मारा है!Upload to Facebook
    पत्थर तो हज़ारों ने मारे थे मुझे लेकिन;
    जो दिल पे लगा आ कर इक दोस्त ने मारा है!
    ~ Sohail Azeemabadi
  • हर वक़्त की आह-ओ-ज़ारी से दम भर तो ज़रा मिलती फ़ुर्सत;<br/> 
रोना ही मुक़द्दर था मेरा तो किस लिए मैं शबनम न हुआ!Upload to Facebook
    हर वक़्त की आह-ओ-ज़ारी से दम भर तो ज़रा मिलती फ़ुर्सत;
    रोना ही मुक़द्दर था मेरा तो किस लिए मैं शबनम न हुआ!
    ~ Sohail Azeemabadi