इज़हार Hindi Shayari

  • एक ही बात सीखी है रंगों से;<br/>
ग़र निखरना है तो बिखरना ज़रूरी है!Upload to Facebook
    एक ही बात सीखी है रंगों से;
    ग़र निखरना है तो बिखरना ज़रूरी है!
  • बरसो बाद आज, तेरे करीब से गुज़रे;<br/>
जो न संभलते, तो गुज़र ही जाते!Upload to Facebook
    बरसो बाद आज, तेरे करीब से गुज़रे;
    जो न संभलते, तो गुज़र ही जाते!
  • मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं,<br/>

दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है।Upload to Facebook
    मेरे शहर में खुदाओं की कमी नहीं,
    दिक्कत मुझे इंसान ढूँढने में होती है।
  • फुर्सत मिली तो तुझ पर भी एक कलाम लिखेंगे,<br/>          
कभी आना मेरे शहर एक शाम तुम्हारे नाम लिखेंगे!Upload to Facebook
    फुर्सत मिली तो तुझ पर भी एक कलाम लिखेंगे,
    कभी आना मेरे शहर एक शाम तुम्हारे नाम लिखेंगे!
  • हर रिश्ते में अमृत बरसेगा, शर्त इतनी है कि;<br/>
शरारतें करो पर, साजिशे नहीं!Upload to Facebook
    हर रिश्ते में अमृत बरसेगा, शर्त इतनी है कि;
    शरारतें करो पर, साजिशे नहीं!
  • वो आ के पहलू में ऐसे बैठे,<br/>
के शाम रंगीन हो गयी है,<br/>
ज़रा-ज़रा-सी खिली तबीयत,<br/>
ज़रा-सी ग़मगीन हो गयी है!Upload to Facebook
    वो आ के पहलू में ऐसे बैठे,
    के शाम रंगीन हो गयी है,
    ज़रा-ज़रा-सी खिली तबीयत,
    ज़रा-सी ग़मगीन हो गयी है!
  • लफ़्ज़ों के भी ज़ायक़े होते हैं,<br/>
परोसने से पहले चख भी लेना चाहिए!




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    लफ़्ज़ों के भी ज़ायक़े होते हैं,
    परोसने से पहले चख भी लेना चाहिए!
  • दिल का दर्द छुपाना कितना मुश्किल है,<br/>
ग़म में मुस्कुराना कितना मुश्किल है,<br/> 
दूर तक जब चलो किसी के साथ,<br/> 
फिर तन्हा लौट के आना कितना मुश्किल है।Upload to Facebook
    दिल का दर्द छुपाना कितना मुश्किल है,
    ग़म में मुस्कुराना कितना मुश्किल है,
    दूर तक जब चलो किसी के साथ,
    फिर तन्हा लौट के आना कितना मुश्किल है।
  • साहेब अब ये ना पूछना की अल्फाज कहा से लाता हूँ;<br/>
कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के, कुछ अपनी सुनाता हूँ!Upload to Facebook
    साहेब अब ये ना पूछना की अल्फाज कहा से लाता हूँ;
    कुछ चुराता हूँ दर्द दूसरों के, कुछ अपनी सुनाता हूँ!
  • शौक-ए-आज़माइश भी एक रोग है;<br/>
लग जाए तो रिश्तों को किश्तों से गुजरना पड़ता है!Upload to Facebook
    शौक-ए-आज़माइश भी एक रोग है;
    लग जाए तो रिश्तों को किश्तों से गुजरना पड़ता है!