ज़िन्दगी Hindi Shayari

  • फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की;<br/>
जैसे ये ज़िंदगी, ज़िंदगी नहीं, कोई इल्जाम है।Upload to Facebook
    फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की;
    जैसे ये ज़िंदगी, ज़िंदगी नहीं, कोई इल्जाम है।
  • भूखा पेट, खाली जेब, और झूठा प्रेम;<br/>

इंसान को जीवन में बहुत कुछ सिखा जाता है!Upload to Facebook
    भूखा पेट, खाली जेब, और झूठा प्रेम;
    इंसान को जीवन में बहुत कुछ सिखा जाता है!
  • फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की;<br/>
जैसे ये जिन्दगी, जिन्दगी नहीं, कोई इल्जाम है!Upload to Facebook
    फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की;
    जैसे ये जिन्दगी, जिन्दगी नहीं, कोई इल्जाम है!
  • ख़ुद को इतना भी न बचाया कर;<br/>
बारिशें हुआ करे तो भीग जाया कर!Upload to Facebook
    ख़ुद को इतना भी न बचाया कर;
    बारिशें हुआ करे तो भीग जाया कर!
  • ज़िन्दगी वही है जो हम आज जी लें;<br/>
कल जो हम जियेंगे, वो उम्मीद होगी!Upload to Facebook
    ज़िन्दगी वही है जो हम आज जी लें;
    कल जो हम जियेंगे, वो उम्मीद होगी!
  • जो तीर भी आता वो खाली नहीं जाता, मायूस मेरे दिल से सवाली नहीं जाता;<br/>
काँटे ही किया करते हैं फूलों की हिफाज़त, फूलों को बचाने कोई माली नहीं जाता।Upload to Facebook
    जो तीर भी आता वो खाली नहीं जाता, मायूस मेरे दिल से सवाली नहीं जाता;
    काँटे ही किया करते हैं फूलों की हिफाज़त, फूलों को बचाने कोई माली नहीं जाता।
  • हालात -ए-ज़िन्दगी सिखा देती है समझदारी;<br/>
वरना बचपन किसे पसंद नहीं है!Upload to Facebook
    हालात -ए-ज़िन्दगी सिखा देती है समझदारी;
    वरना बचपन किसे पसंद नहीं है!
  • ये शीशे, ये सपने, ये रिश्ते और ये ज़िन्दगी;<br/>
किसे क्या खबर है, कहाँ टूट जायेंगे!Upload to Facebook
    ये शीशे, ये सपने, ये रिश्ते और ये ज़िन्दगी;
    किसे क्या खबर है, कहाँ टूट जायेंगे!
  • यूँ ना छोड़ जिंदगी की किताब को खुला:<br/>
बेवक्त की हवा ना जाने कौन सा पन्ना पलट दे!Upload to Facebook
    यूँ ना छोड़ जिंदगी की किताब को खुला:
    बेवक्त की हवा ना जाने कौन सा पन्ना पलट दे!
  • कुछ देर की खामोशी है, फिर शोर आयेगा;<br/>
तुम्हारा सिर्फ़ वक्त आया है, हमारा दौर आयेगा!Upload to Facebook
    कुछ देर की खामोशी है, फिर शोर आयेगा;
    तुम्हारा सिर्फ़ वक्त आया है, हमारा दौर आयेगा!