बहुत अंदर तक बसा था वो शख़्स मेरे; उसे भूलने के लिए बड़ा वक़्त चाहिए! |
उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद; वक़्त कितना क़ीमती है आज कल! |
न जाने रूठ के बैठा है दिल का चैन कहाँ; मिले तो उस को हमारा कोई सलाम कहे! |
जाने क्यों अकेले रहने को मज़बूर हो गए, यादों के साये भी हमसे दूर हो गए, हो गए तन्हा इस महफ़िल में, हमारे अपने भी हमसे दूर हो गए! |
मेरे दोस्त कुछ फासले ऐसे भी होते हैं; जो तय नहीं होते मगर नज़दीकियां रखते हैं! |
हँसी ने लबों पे थिरकना छोड़ दिया है, ख्वाबों ने पलकों पे आना छोड़ दिया है, नही आती अब तो हिचकियाँ भी, शायद आप ने भी याद करना छोड़ दिया है! |
कैसे मिलेंगे हमें चाहने वाले बताइये, दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह; वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए, सजाएं मिली हमें गुनहगार की तरह। |
मैं समझा था कि लौट आते हैं जाने वाले, तू ने जाकर तो जुदाई मेरी क़िस्मत कर दी। |
किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो, जिस्म से रूह को लेने फ़रिश्ते नहीं आते। |
मैं समझा था कि लौट आते हैं जाने वाले, तू ने जाकर तो जुदाई मेरी क़िस्मत कर दी। |