बदल दिये अब हमने उदास होने के तरीके; अब कोई दिल भी दुखाये तो बस, हल्का सा मुस्कुरा देते हैं! |
कुछ उलझनों के हल वक़्त पे छोड़ देने चाहिए; बेशक जवाब देर से मिलेंगे लेकिन बेहतरीन होंगे! |
कुछ अपनों की वजह से, कल अपनों के बीच नहीं रहेंगे हम! |
तस्वीर खिंचवाने के रिवाज़ ने कितना मजबूर कर दिया, ग़म कितना भी हो दिल में मुस्कुराना पड़ता है! |
मेरे ऐब तो ज़माने में उजागर है, फ़िक्र वो करे जिनके गुनाह पर्दे में हैं! |
अगर तुम ना होते, तो टूट के बिखर जाते, गर तुम पास होते, तो इतना भी ना टूटते! |
गज़ब की धूप है इस शहर में फिर भी पता नहीं; लोगों के दिल यहाँ, पिघलते क्यों नहीं। |
कौन पूछता है पिंजरे में बंद 'परिंदों' को ग़ालिब; याद वही आते हैं उड़ जाते हैं! |
ख़्वाबों की ज़मीन पर रखा था पाँव छिल गया; कौन कहता है ख्वाब मखमली होते हैं! |
ये किस अंदाज में तुमने मेरी मोहब्बत का सौदा किया; ना दूसरों के लायक छोड़ा ना खुद का होने दिया! |