फिर छलावे में हमदर्दों के चोट खाओगे; किसी को ज़ख्म दिखाए तो सज़ा पाओगे! |
ज़िंदगी सब्र के अलावा कुछ भी नहीं है, मैंने हर शख़्स को यहाँ ख़ुशियों का इंतजार करते देखा है! |
हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे, लफ़्ज़ कागज़ पर उतर जादूगरी करने लगे; क़ामयाबी जिसने पाई उनके घर तो बस गये, जिनके दिल टूटे वो आशिक़ शायरी करने लगे! |
कुछ कह गए, कुछ सह गए, कुछ कहते कहते रह गए; मैं सही तुम गलत के खेल में, न जाने कितने रिश्ते ढह गए! |
हमने वक़्त से दोस्ती कर ली है, सुना है ये अच्छे अच्छों को बदल देता है! |
हम तो जोड़ना जानते है, तोड़ना सीखा ही नहीं; खुद टूट जाते हैं अक्सर लेकिन, किसी को छोड़ना सीखा ही नहीं! |
मोहब्बत ख़त्म है लेकिन अभी रिश्ता नहीं टूटा; कि जितना टूटना था दिल अभी उतना नहीं टूटा! |
बुरे वक्त में भी एक अच्छाई होती है; जैसे ही ये आता है फालतू के दोस्त विदा हो जाते हैं! |
लोग अकसर अपनी खूबियों का दिखावा करते हैं; मैं ख़ुद की कमियों से मशहूर होना पसंद करता हूँ! |
अब तो कोई आह नही बची उसकी वापस आने की, देखो आज ऐक और दास्तान, कहानी हो गयी! |